Pharmacovigilance Jobs फार्माकोविजिलेंस में हैं जॉब्स की कई संभावनाएं:-
Pharmacovigilance Jobs 2024 भारत में फार्माकोविजिलेंस एक तेजी से उभरता हुआ सेक्टर है। इसके तहत रेग्युलेटरी बदलावों साथ तालमेल बनाए रखने और कॉम्पलेक्स डेटा को मैनेज किया जाता है। भारत दुनिया में मेडिकल इंडस्ट्री का तीसरा प्रमुख देश है। भारत में दुनिया की 8% दवाओं का उत्पादन होता है, जो वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है। ऐसे में भारत में फार्माकोविजिलेंस सेक्टर में पेशेवरों की बड़ी डिमांड है।
2020 में ग्लोबल फार्माकोविजिलेंस मार्केट का मूल्य लगभग 56.7 बिलियन (56 हजार करोड़ रुपए) था और इसके 2030 तक लगभग 12-14% की CAGR से बढ़ने का अनुमान है। भारत में भी इस उद्योग के लगभग 15% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है। इस सेक्टर में ड्रग इंस्पेक्टर, क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट्स, ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर्स और फार्माकोविजिलेंस साइंटिस्ट जैसे नौकरी के अवसर मिलते हैं।
Pharmacovigilance Jobs 2024 पढ़ाई के अवसर:-
• बैचलर ऑफ फार्मेसीः यह 4 वर्षीय प्रोग्राम फार्माकोविजिलेंस में करिअर बनाने के लिए सबसे आसानी से उपलब्ध विकल्पों में से एक है। इसमें ड्रग डिस्कवरी, फॉर्म्युलेशन, रेग्युलेटरी जरूरतों और सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं की पढ़ाई उपलब्ध करवाता है।
• लाइफ साइंस, बायोटेक्नोलॉजी या माइक्रोबायोलॉजी में बीएससीः ये 3 साल के प्रोग्राम्स बायोलॉजी, बायो टेक्नोलॉजी और मेडिकल साइंस क्षेत्रों की बुनियादी समझ प्रदान करते हैं, जिसके बाद फार्माकोविजिलेंस में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है।
• बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी या बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरीः ये पारंपरिक चिकित्सा पाठ्यक्रम भी फार्माकोविजिलेंस में करिअर की राह खोलते हैं। विशेष रूप से पारंपरिक चिकित्सा में एडवर्स इफेक्ट्स की निगरानी के बढ़ रहे क्षेत्र में।
• फार्माकोलॉजी या क्लिनिकल रिसर्च में एमफार्मा, बी.फार्मा या संबंधित डिग्री पूरी करने के बाद, फार्माकोलॉजी या क्लिनिकल रिसर्च में मास्टर डिग्री ड्रग सेफ्टी और रेग्युलेटरी अफेयर्स में आपकी विशेषज्ञता को बढ़ा सकती है।
• विलनिकल रिसर्च या फार्माकोविजिलेंस में एमएससीः कुछ विश्वविद्यालय फार्माकोविजिलेंस से संबंधित विशेष एमएससी प्रोग्राम प्रदान करते हैं।
शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट्स या डिप्लोमा प्रोग्रामः कई संस्थान लाइफ साइंस या फार्मेसी ग्रेजुएशट्स के लिए फार्माकोविजिलेंस में 6 महीने से 1 साल के सर्टिफिकेट प्रोग्राम प्रदान करते हैं। Pharmacovigilance Jobs 2024 ये कार्यक्रम व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करते हैं और आपको इंडस्ट्री के लिए तैयार करते हैं।
इन संस्थानों से करें पढ़ाई:-
• जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, दिल्लीः फार्माकोलॉजी और फार्माकोविजिलेंस में विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER): फार्माकोविजिलेंस में में एम. फार्मा और विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
• इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल रिसर्च इंडिया (ICRI): फार्माकोविजिलेंस में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम प्रदान करता है।
Pharmacovigilance Jobs 2024 करिअर के अवसर:-
• ड्रग सेफ्टी एसोसिएट/ऑफिसरः यह एक एंट्री लेबल की भूमिका है जो प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (ADRs) की निगरानी करते हैं और निष्कर्षो की रिपोर्ट करते हैं।
• फार्माकोविजिलेंस साइंटिस्टः ड्रग सेफ्टी से संबंधित डेटा का एनालिसिस और इसकी व्याख्या करते हैं।
• रेग्युलेट्री अफेयर्स एसोसिएट्सः ये सुरक्षा मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए दवा कंपनियों और विनियामक निकायों के साथ काम करते हैं।
• मेडिकल रिव्यूअरः ये विनियामक अधिकारियों को प्रस्तुत किए जाने से पहले सेफ्टी डेटा की समीक्षा और सत्यापन करते हैं।
यहां हैं करिअर के स्कोप Pharmacovigilance Jobs 2024:-
• फार्मास्युटिकल कंपनियां: भारत में सिप्ला, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा, FDC Ltd., Raproos Ltd. और ल्यूपिन जैसी प्रमुख दवा कंपनियां फार्माकोविजिलेंस विशेषतों को नियुक्त करती हैं।
• विलनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (CRO): IQVIA, Parexel और Covance जैसी कंपनियां क्लिनिकल परीक्षणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करती हैं।
• रेग्युलेटरी बॉडीजः केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) जैसी सरकारी एजेंसियां भी देश भर में दवा सुरक्षा की निगरानी के के लिए फार्माकोविजिलेंस अधिकारियों को नियुक्त करती हैं। • स्वास्थ्य सेवा और अस्पतालः बड़ी स्वास्थ्य सेवा श्रृंखलाओं और अस्पतालों को भी दवा के उपयोग की निगरानी के लिए फार्माकोविजिलेंस विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है यहा से है Pharmacovigilance Jobs 2024 मे कई अवसर।
• वेतन और करिअर ग्रोथ एंट्री-लेवलः आमतौर पर फ्रेशर्स के लिए ₹3.5 से ₹6 लाख प्रति वर्ष तक होता है।
• मिड लेवल: Pharmacovigilance Jobs 2024 मे 3-5 साल के अनुभव के साथ, पेशेवर ₹6 से 12 लाख प्रतिवर्ष कमा सकते हैं।
सीनियर लेवलः टीम लीडर और डिपार्टमेंट हेड सहित अत्यधिक अनुभवी पेशेवर सालाना ₹15 लाख और उससे अधिक कमा सकते हैं।
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