12वीं के बाद डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) में पाएं नौकरी–
डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) उन फील्ड्स में शुमार है, जिनका भारत में बड़ा स्कोप नजर आता है। इस समय देश में 235 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 24% है। 2030 तक इस भागीदारी के 30% तक बढ़ने की संभावना है। डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ने के साथ ही इस इंडस्ट्री में बड़ी संख्या में जॉब्स के भी मौके आएंगे। जिन छात्रों ने 12वीं कक्षा पास की है।
और इस क्षेत्र में करिअर बनाने का विचार बना रहे हैं. उनके लिए डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) या डेयरी साइंस की पढ़ाई निजी और सार्वजनिक, दोनों क्षेत्रों में कई अवसर प्रदान करती है। डेयरी साइंस और टेक्नोलॉजी प्रोग्राम एक मल्टीडिसिपिलसरी अप्रोच बढ़ाती है,
जिसके तहत डेयरी प्रोडक्शन और डेवलपमेंट के विभिन्न पहलुओं को समझने और सुधारने के लिए जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, इंजीनियरिंग और अर्थशास्त्र की जानकारी होना आवश्यक है। डेयरी विज्ञान पाठ्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, उम्मीदवारों का पीसीबी (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान) विषयों में विज्ञान स्ट्रीम में कक्षा 12 पास होना आवश्यक है।
पढ़ाई के विकल्प
आमतौर पर कॉलेज स्टूडेंट्स को 12वीं के स्कोर के आधार पर सीधे प्रवेश पाने की अनुमति देते हैं। कुछ कॉलेज ICAR AIEEA के आधार पर डेयरी साइंस प्रोग्राम में में दाखिला द देते हैं। इसके अलावा टॉप रैंक के कॉलेजों में एडमिशन के लिए जेईई मेन, जेईई एडवांस, एमएचटी सीईटी, सीयूईटी, चिटसैट, केसीईटी, डब्ल्यूबी जेईई और वीआईटी ट्रिपलई जैसी परीक्षाओं का स्कोर जरूरी है।
• ग्रेजुएशनः 12वीं कक्षा के बाद स्टूडेंट्स डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) / डेवरी साइंस में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) या बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) में दाखिला ले सकते हैं। इन प्रोग्राम्स को अवधि आम तौर पर चार साल होती है।
• पोस्ट ग्रेजुएशनः ग्रेजुएशन की ही तर्ज पर स्टूडेंट्स डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) या संबंधित क्षेत्रों में एमटेक या एमएससी कर सकते हैं।
• पीएचडीः शोध और शिक्षा क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए, डॉक्टरेट कार्यक्रम उपलब्ध हैं।
डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) की पढ़ाई के लिए प्रमुख संस्थान:
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एमडीआरआई), करनाल आनंद कृषि विश्वविद्यालय (एएयू), आणंद तमिलनाडु पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (TANUVAS), चेन्नई गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (GADVASU), लुधियाना महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (MAFSU), नागपुर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय कॉलेज ऑफ फूड एंड डेयरी टेक्नोलॉजी, कोडुबल्ली डेयरी साइंस कॉलेज, बैंगलोर केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय
इन क्षेत्रों पर बनती है कमांड
डेयरी प्रौद्योगिकी में डिग्री प्रोग्राम में आम तौर पर ये विषय शामिल होते हैं: डेयरी केमिस्ट्री, डेमरी माइक्रोबायोलॉजी, डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग, देवालिटी अश्योरेंस, डेयरी इकोनॉमिक्स, फूड सेफ्टी एंड स्टेडर्स, मिल्क साइस, डेयरी पिजर्वेशन स्वालिटी कंट्रोल, डेयरी फार्म मैनेजमेंट और पैकेजिंग व मार्केटिंग।
प्रोफाइल्स
डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) में ग्रेजुएशन पूरी कर चुके अभ्यर्थियों के लिए कई प्रोफाइल्स में करिअर बनाने के विकल्प रहते हैं।
• डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट / इंजीनियरः प्रोसेसिंग और प्रोडक्शन में शामिल होते हैं। ये डेयरी प्रोडक्ट्स की
• क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर: ये ऑफिसर डेयरी उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।
• प्रोडक्शन मैनेजरः ये डेयरी प्लाट्स में मशीनों के ऑपरेशन को मैनेज करते हैं।
• रिसर्च एंड डेपलपमेंट एक्सपर्ट : ये नए डेयरी प्रोडक्ट्स को विकसित करने और मौजूदा उत्पादों को बेहतर बनाते हैं।
• सेल्स और मार्केटिंगः ये डेयरी के उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री बढ़ाने का काम करते हैं।
• कंसल्टेंटः किसी भी डेयरी के प्रोडक्शन और प्रोडक्ट्स की क्वालिटी में सुधार के लिए पेशेवर सलाह देने का काम करते हैं।
निजी क्षेत्र के प्रमुख रिकूटर और पैकेज
भारत में अमूल, सरस, नेरले, मदर डेयरी, वाडीलाल, हिंज, रिलायंस और मेट्रो डेयरी जैसी कई कंपनियां डेयरी टेक्नोलॉजी या साइंस की पढ़ाई कर चुके लोगों को प्रमुख तौर पर रोजगार के अवसर देती हैं। इसके अलावा भी कई क्षेत्रीय और प्रादेशिक स्तर की कंपनियां भी यह पढ़ाई कर चुके लोगों को रिकूट करती हैं। डेयरी टेक्नोलॉजी और साइंस कोर्स के ग्रेजुएशन को आमतौर पर औसतन 2 लाख रुपए और 10 लाख रुपए प्रतिवर्ष मिलने की संभावना रहती है।
Note : If you find more information regarding to carrier option kindly visit our website Sarkari Post Info
Note: Source of this Article is Newspaper